मन्त्र वो शक्ति है, जो पल मे लोगो की मनोकामना पूर्ण कर दे, मन्त्र के तेज से संसार की ना मिलने वाली वस्तु भी इंसान के कदमो मे होती है, लेकिन कभी कभी मन्त्र साधना से घातक नुकसान देखे जाते है,
प्राचीन काल मे रोग मन्त्र के उच्चारण से ही ठीक हो जाते थे, इसलिए वैध से ज्यादा लोग साधु, फ़क़ीर, तांत्रिक, ओझा, इत्यादि के ब्यापार काफी फले फुले रहते है, परन्तु विज्ञान के इस दौर मे रोगों के उपचार मन्त्र द्वारा करना अंधविश्वास कहलाता है |मन्त्र तीन प्रकार के होते है”,… स्त्रीलिंग, पुल्लिंग तथा नपुंसक !”मंत्रो के उच्चारण से मन्त्र का कल्याण कार्य जाना जाता है, अर्थात मन्त्र को पढ़कर जाना जा सकता है की यह मन्त्र किस देवता से जुडा है, अथवा इसका कार्य क्या है??
मंत्रो मे भी बिशेषता: अनेक प्रकार होते है,……………… जैसे सात्विक मन्त्र ,दैविक मन्त्र, वैदिक मन्त्र, तांत्रिक मन्त्र इत्यादि,
सात्विक मन्त्र ~~~~~~~~~~~
सात्विक वैसे मन्त्र होते है, जी के उच्चारण मात्र से मन मे सात्विकता का वास हो जाता है, यह किसी देवी देवताओं से जुडा नहीँ होता, इनका काम ही होता है सत्य से पहचान कराना, ऐसे मन्त्र के सही उच्चारण से लोगो के जीवन से अंधेरा सदा सदा के लिए गायब हो जाता है, तथा उन्हें खुशहाल रखने मे इन मंत्रो का बड़ा हाथ होता है, सात्विक मन्त्र से लोगो की कुबूद्धि नस्ट होकर सुबुद्धि का संचरण होता है, “अनजाने मे लोग कभी कभी गलत मन्त्र भी पढ़ लेते है, लेकिन इनके गलत पढ़े जाने पर भी हानि नहीँ होती |”
दैविक मन्त्र ~~~~~~~~~
दैविक मन्त्र वैसे मन्त्र होते है, जो मूलतः किसी देवताओं से सम्भन्ध रखता हो, तथा उस मन्त्र के उच्चारण से किसी ख़ास देव को प्रसंन्न किया जाता हो, ऐसे मन्त्र देव साधना मे अति आवश्यक होते है, “बगैर दैविक मन्त्र उच्चारण जे देवताओं की पूजा मान्य नहीँ होती, “| जिस किसी ख़ास देव की पूजा हो रही हो, तो विधिवत उसी देव के लिए ऐसे मंत्रो का उच्चारण किया जाता है, दैविक मंत्रो मे काफी शक्ति होती है, इससे ग्रहदोष भी शांत हो जाते है, परन्तु खंडित मन्त्र या गलत मन्त्र उच्चारण से कोई परिणाम नहीँ मिलता, कभी कभी गलत मन्त्र उच्चारण गलत परिणाम भी देते देखे गए है, “”
दैविक मंत्रो मे विधिवत आसन्न ग्रहण करके इन मंत्रो का पुरे नियम पूर्वक उच्चारण से इसके अच्छे परिणाम मिलते है, किन्तु अगर आप निरंतर भी दैविक मंत्रो का उच्चारण करे तो भी आपको इसके फल मिलेंगे, गलत मन्त्र उच्चारण कभी कभी समस्याओ को निमंत्रण भी दे देती है, “|
तांत्रिक मन्त्र ~~~~~~~~~
तांत्रिक मन्त्र मूलतः तांत्रिको, द्वारा प्रतिष्ठित मन्त्र होते है, इन मंत्रो के उच्चारण मात्र से ही आपकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, ऐसे मन्त्र शक्तिशाली होने के साथ साथ खतरनाक होते है परन्तु आजकल देखा जाता है, ऐसे मन्त्र इंटरनेट की माध्यम से बड़ी आसानी से प्राप्त कर लेते है, औऱ बगैर इसकी सावधानी औऱ असावधानी जाने लोग इन मंत्रो का उच्चारण शुरू कर देते है, तांत्रिक मन्त्र, आपको राजा से रंक,या रंक से राजा बना देता है, दुश्मनों का नाश करता है, मनपसंद युवक युवती को तांत्रिक मंत्रो द्वारा वशीकरण भी किया जाता है, ऐसे मन्त्र को केवल तांत्रिक क्रिया करते समय उच्चारण किया जाना चाहिए, बगैर इसकी पूर्ण जानकारी के ये आपका पतन करने मे सक्छम होता है, “|
अगर कोई ब्यक्ति रोगों से घिरा हो तो उस घर मे तांत्रिक मन्त्र उच्चारण घातक सिद्ध हो सकता है, “कभी कभी देखा जाता है की लोग बस फालतू के कामना करके किसी भी मन्त्र को उच्चरित करना प्रारम्भ कर देते है, औऱ बाद मे यदि कोई अनिस्ट हो जाता है तो लोग समझ भी नहीँ पाते की ऐसा कैसे हो गया, जबकि दोषी ओ स्वयं होते है,
सुचना -” किसी भी मन्त्र को उच्चारण करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच पड़ताल अवश्य कर ले, अथवा आप लाभ की जगह स्वयं का नुकसान कर लेंगे |””